ऋग्वेदोक्त श्री सूक्त का महत्व
संसार मे चार पुरुषार्थ है धर्म अर्थ काम मोक्ष, जिसमें अर्थ के महत्व कम नही आंका जा सकता है | हर युग मे मनुष्य की कोशिश रही है की माता लक्ष्मी को प्रसन्न कैसे किया जाय?
आज हम इसी विषय पर चर्चा करते हुए ऋग्वेदोक्त श्री सूक्तम के पाठ का महत्व जानेंगे |
श्री सूक्तम के १६ सूक्त है जब इन सूक्तों का पाठ सही प्रकार से किया जाता है तो माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है |
१. विधि:- घर की उत्तर दिशा (ईशान कोण) मे पीला आसन बिछाए |
२. तिथि और पक्ष:- शुक्ल पक्ष और नवमी तिथि को यह प्रयोग करे |
३. मुद्रा:- पंकज मुद्रा मे
४. समय:- लाभ की चोघड़ियो मे इस पाठ को करने से घर मे लक्ष्मी का स्थिर वास होता है
यज्ञ, हवन और सामग्री के साथ विधिवत ब्राह्मण जब इस पूजन को करता है तो माता लक्ष्मी की विशेष अनुकंपा जातक को प्राप्त होती है | कुंडली के कई दोष दूर हो, सुख सौभाग्य मे वृद्धि होती है |