जय श्री कृष्णा

मित्रों हमारी पूर्ण सृष्टि ही चमत्कारों से भारी हुई है इसी प्रकार सृष्टि का प्रत्येक अवयव चमत्कारों से भरा हुआ है केवल हमे उसे खोजने की आवश्यकता है आज मै इन चमत्कारों में से एक विषय के बारे मे बताना चाहती हूँ और वो है बीज यानी जो पौधा बनाता है सृष्टि रचता है| वंश को बढ़ाता है| वो है बीज यानी उदाहरणार्थ एक बीज का सामान्य चमत्कार तो यही है की वह एक विशाल और शक्तिशाली वृक्ष को जन्म देने की ताक़त रखता है लेकिन वही एक बीज क्या इतना चमत्कारी हो जाता जो जेब मे या तिजोरी से जाता है जो जेब मे या तिजोरि से हमें सकारात्मक परिणाम देता है|

मित्रों आज मैं आपसे इन्ही चमत्कारी बीजों के विषय में बात करूँगी, बीजों के दो रूपों में बात करूँगी| बीजों को दो रूपों मे देखा जा सकता है एक बीज वो जो उत्पादन के साथ मनुष्यों का भरण पोषण करते है और दूसरे प्रकार के बीज वे जो केवल उत्पादन के ही कार्य मे ही आते हैं(पहले प्रकार के बीजों मे गेहूँ, जौन, चना, मक्का, चावल देखा जा सकता है) और इसके अलावा पपीता, नींबू, केला, आम इत्यादि अनेक प्रकार के फलों के बीजों का प्रयोग केवल वृक्षों को जन्म देने के लिए होता है| जो दूसरे प्रकार के बीज होते हैं जिन्हे खाया नही जा सकता उनका प्रयोग अनेक ऐसे दिव्य उपायों में किया जाता है जिनका प्रयोग करने से व्यक्ती की समस्याएँ समाप्त होती है तथा कामकाज़ों की पूर्ति के मार्ग प्रशस्त होते हैं इसका ज्ञान मुझे मेरे गुरु जी के आशीर्वाद से हुआ और मेरे द्रोण गुरु उमेश पांडे जी की कृपा से प्राप्त हुआ आज मै आपको बीजों के बारे में जानकारी दूँगी

1. कचनार

2. काला धतूरा

3. कमल के बीज

कचनार:

  • कचनाअर के बीज शुभ नक्षत्र, शुभ योग या गुरुवार के दिन एकत्रित कर लें और 11 बीजों को जो व्यक्ति अपनी शर्ट की जेब मे रखता है उसे धन की कमी नही रहती| उसकी जेब या तिजोरी खाली नही रहती| इन बीजों को समय-समय पर धूप दीप दिखाते रहें|
  • कचनार के मात्र 3 बीजों को(ब्रह्मा, विष्णु, महेश स्वरूप की कल्पना करते हुए) मुख्य द्वार पर एक पारदर्शी सैलोटेप से चिपका कर इन्हे अगरबत्ती की धूनी दें| इसके प्रभाव से घर को नज़र नही लगती है तथा घर के वास्तुदोष का दुष्प्रभाव भी कम होता है|
  • वर्षा ऋतु मे एक-दो बार वर्षा का पानी गिर जाने के बाद जो व्यक्ति कचनार के बीजो को गाँव अथवा शहर से बाहर के मार्ग के दोनो और अथवा जंगल मे बिखेरता है उसके ग्राहदोषों मे न्यूनता आती है|

काला धतूरा:

धतूरे के पौधे प्रायः सर्वत्र पाए जाते हैं ज़ीन्मे श्वेत धतूरा सभी स्थानों पर पाया जाता है| इसके चार प्रकार हैं- श्वेत, कृष्ण नील और पीत |

इसमे से कृष्ण धतूरा शिवजी को आती प्रिय है इस एक पौधे मे सर्वग्रह पीड़ा डोर करने की क्षमता होती है| धतूरे के बीज किसी को लगी हुई नज़र तत्काल उतरने के भी काम आते हैं|

काले धतूरे के सात बीज ताबीज़ मे भरकर उसे भली प्रकार से बंद कर दें अब इसे काले सूती रेशमी डोरे की मदद से गले मे धारण कर लें इससे

1. नज़र नही लगती दुःस्वप्न नही आते

2. उपरी बाधाओं से भी बचाव होता है

मनुष्य के जीवन मे अनेक प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष शत्रु भी रहते हैं| ऐसे किसी भी प्रकार के शत्रु से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन शुभ मुहूर्त मे अथवा 11:45 से 12:30 बजे के बीच में किसी सूती लाल आसन पर बैठ कर सफेद खाली काग़ज़ पर लाल स्याही से शत्रु का नाम लिखकर 21 बीज उसी कागज मे रखकर, काग़ज़ को मोड़ कर इसे किसी भारी चीज़ के नीचे या ज़मीन मे दबा दें, इससे शत्रुओं से बचाव होगा|

कमल के बीज:

1. कमल के बीजों के बारे मे जितना कहा जाए उतना कम है| जब कच्चे होते हैं तो फल रूप में खाए जाते हैं और सूख जाने के बाद विशेष पूजाओं के काम मे आते है|

2. जिस व्यक्ति की कुंडली मे द्वितीयेश तथा लाभेश की स्थिति ठीक नही होती उसे धन की परेशानी होती है व्यय अधिक और लाभ कम होता है| ऐसे व्यक्ति को 11 कमलगत्ते के बीज, 5 गाँठ हल्दी, थोड़ा सा साबुत धनिया, एवं थोड़ा साबुत नमक के डाले, इन चारों वस्तुओं को एक छोटे मिट्टी के पात्र में लेकर उपर से मिट्टी का ढक्कन लगाकर तिजोरी मे रख दें यानी तिजोरी मे उचित स्थान दें| दीवाली पूजन सामग्री मे भी इस पात्र को शामिल करें इस उपाय से धन संबंधित समस्या दूर होगी व धन मे बरकत होगी|

3. कमलगट्टा की माला से जो व्यक्ति रोज़ कम से कम एक माला निम्नलिखित मंत्र की जपता है उसे धन लाभ होता है और कर्ज़ से मुक्ति मिलती है  ” ऊँ श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्मे नमः “

4. जो व्यक्ति इशान कोण में कमल ताल लगाते हैं या 1 काँच के बर्तन मे 11 कमल गट्टा के बीज पानी मे डाल कर रखते हैं तो इशान कोण के दोष दूर होते हैं साथ ही घर का छोटा बालक सदा निरोगी रहता है|

अगले अंक मे दोस्तों मैं आपको बहुत से बीजों के बारे मे और जानकारी दूँगी…

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