प्राण-मुद्रा एक आधारभूत शक्ति(योगिक और ज्योतिषीय अनुभव) हमारे सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में प्राण तत्व(आक्सीजन) बिखरा हुआ है,इस तत्व पर ही हमारे प्राण टिके हैं जिसे हम कर्मबल से प्राप्त कर सकते हैं| गीता में भी भगवान् श्री कृष्ण ने अर्जुन को… Continue Reading →
ऋग्वेदोक्त श्री सूक्त का महत्व संसार मे चार पुरुषार्थ है धर्म अर्थ काम मोक्ष, जिसमें अर्थ के महत्व कम नही आंका जा सकता है | हर युग मे मनुष्य की कोशिश रही है की माता लक्ष्मी को प्रसन्न कैसे किया जाय?… Continue Reading →
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