रत्नों में कैसे करें उर्जा का पुनः संचारण –
प्रत्येक रत्न की एक उम्र होती है. धारक को कोई भी राशि रत्न उसी समय तक लाभ पहुँचता है जितनी उस रत्न की आयु होती है. उसके पश्चात वो केवल एक पत्थर बन जाता है. परंतु रत्नो को पुनः उर्जा युक्त बनाने के लिए कुछ ख़ास उपाय कुछ इस प्रकार हैं:
माणिक: एक बर्तन में धुली उड़द की दाल को जल मे भिगोकर, माणिक उसमे 72 घंटों के लिए छोड़ दें| रत्न पुनः उर्जावान हो जाएगा|
नीलम: एक बर्तन में काली साबुत उड़द की डाल को जल में भिगोकर, नीलम उसमे 72 घंटों के लिए छोड़ दें| रत्न पुनः धारण किया जा सकता है|
हीरा: हीरे की आयु ही पाँच वर्ष होती है| पाँच वर्ष बाद उसमे उर्जा शेष नही रहती|
मूँगा: मूँगा के पत्थर के साथ लाल मसूर की दाल को एक बर्तन में 72 घंटे के लिए डुबाकर रखें| रत्न पुनः उर्जा से भर जाएगा|
पुखराज: चने की दाल को पानी के एक बर्तन में 72 घंटो के लिए भीगने के लिए छोड़ दें| पुखराज फिर से उर्जावान हो जाएगा|
पन्ना: साबुत हरी मूँग दाल को 72 घंटों के पन्ने के साथ पानी मे भिगोकर छोड़ दें| रत्न फिर से उर्जा से भर भर जाएगा|