मांगलिक दोष
जन्म कुण्डली के पहले, चौथे, सातवे, आठवे और बारहवे भाव मे मंगल का स्थित होना मांगलिक दोष कहलाता है|
लग्न कुण्डली, चंद्र कुण्डली और शुक्र कुण्डली तीनों ही कुण्डली से हम मांगलिक दोष देखते हैं|
मांगलिक दोष के कारण विवाह में देरी अड़चनें आना देखा गया है|
कुंडली में मांगलिक दोष होने के कारण घबराना नही चाहिए| क्योंकि हमारी वैदिक ज्योतिष् में समाधान है|
उपाय:
1. मंगल चंडिका स्त्रोत का पाठ करें|
2. मंगलवार और शनिवार को सुंदर कांड का पाठ करें|
3. कन्या को घर के वाय्स्य कोण के कमरे मे सुलाए|
4. शुक्ल पक्ष के प्रथम वीरवार से 41 दिन तक कात्यायनी माता की भक्ति भाव से पूजा करें तथा इस मंत्र की एक माला 41 दिन तक करें|
मंत्र:
कात्यायनी महामाये महायोगीनयधीश्वरी|
नंदगोपसुतम देवी पति मे कुरू ते नमः||
5. किसी भी शुभ मुहूर्त यगुरू पुष्प योग में केले के वृक्ष की जड़ को पीले कपड़े में लपेट कर गले अथवा भुजा में बाँध लेना चाहिए|
पुरुष की कुण्डली में मांगलिक दोष के कारण यदि रुकावटें आ रही हों तो निम्न उपायों को करके इस दोष का निवारण किया जा सकता है|
1. पारद शिवलिंग पर कच्चा दूध मिश्रित जल एवं पाँच लाल रंग के फूल चढ़ाएँ|
2. गुरुवार को विष्णु लक्ष्मी मंदिर मे जाकर भगवान विष्णु को कलंगी चढ़ाएँ साथ में बेसन के साथ लड्डू भी चढ़ाए|
3. नारियल की झाड़ू लेकर किसी चौराहे पर खोलकर डाल दें| पीछे मुड़कर कदापि ना देखें|
4. देशी घी की जलेबी 21 मंगलवार को हनुमान मंदिर मे हनुमान जी के आयेज चढ़ाएँ और प्रार्थना करें| यह उपाय शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से करें|
5. इस मंत्र की माला 41 दिन तक करने से युवकों के विवाह में आने वाली अड़चनें दूर होगी|
मंत्र:
पत्नी मानोरमा देही मनोवषटानुसाररीणीँ|
तारिणीं दुर्ग संसार सागरसय कुलोद भवानं||