Narak Chaturdashi 2019
Date – 27th October 2019
दीपावली की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है, क्योकि इस दिन राम जी 14 वर्ष का वनवास काटकर आयोध्या अपनी नगरी पधारे थे और तब लोगो ने उनके आने की ख़ुशी में ”दीपको की लड़ी से अपने नगर को रोशन कर दिया था” बस तब से लेकर आज तक दीपावली त्यौहार मनाया जाता है, दीपावली से पहले छोटी दीपावली मनाई जाती जाती है और यह क्यों मनाई जाती है इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा है, जो हम आपको बताते है |
नरकासुर नाम का एक राक्षस था जो प्रागज्योतिषपुर राज्य का राजा था जो बहुत ताकतवर और घमंडी था | इन्द्र के लिए भी उसे हराना नामुमकिन था | देवताओं और ऋषियों की 16 हज़ार बेटियों का अपहरण करके उनको अपने कारागृह में बंदी बना रखा था। औरतो के प्रति नरकासुर के बुरे व्यव्हार को देख कर सत्यभामा ने कृष्णा से यह निवेदन किया की उन्हें नरकासुर का वध करने का अवसर प्रदान किया जाये। यह भी मान्यता है की नरकासुर को यह श्राप था की उसकी मृत्यु एक स्त्री के हाथ ही होगी। सत्यभामा कृष्ण द्वारा चलाय जा रहे रथ में बेठ कर युद्ध करने के लिए गयी। उस युद्ध में सत्यभामा ने नरकासुर को परास्त करके उसका वध किया और सभी कन्याओं को छुडवा लिया।
छोटी दीपावली पूजन विधि:- छोटी दिवाली को सुबह उठ कर सबसे पहले अपने शरीर पर तेल लगाए और फिर स्नान करे | कहते है इससे शरीर के सारे रोग दूर हो जाते है और शरीर में एक नयी स्फूर्ति आ जाती है | इसके पश्चात श्री कृष्ण का ध्यान करे और उनकी पूजा करे |
संध्या काल में माँ लक्ष्मी की पूजा करे और घर पर ही आटे के चार चौमुखी दीपक बनाये और घर के चारो कोनो में रख दें | ऐसे मान्यता है की ये दीपक चारो कोनो से आने वाली आसुरी शक्तियों से आप के परिवार की रक्षा करती है |